
हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक संयुक्त संघर्षमोर्चा के एक शिष्टमंडल ने प्रदेशाध्यक्ष हीरामणि भारद्वाज की अध्यक्षता में दिनांक 10-06-2025 को अध्यक्ष अनुसूचित जाति व् जनजाति कल्याण संसद समिति डॉ फग्गन सिंह कुलस्ते से ताज होटल ठियोग में शिष्टाचार भेंट की जिसमें निम्नलिखित मुद्दों पर विचार विमर्श किया गया :
- अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम को संशोधित करके धारा 3(1)2d को संसद द्वारा जोड़ने का अनुग्रह किया गया जो कि अनुसूचित जाति व् अनुसूचित जाति के बच्चों के साथ पाठशाला में दुव्यवहार, छुआछूत, पिटाई और यहां तक कि मृत्यु हो जाने पर गैर अनुसुचित जाति गैर अनुसूचित जनजाति के अध्यापकों पर कड़ी से कड़ी सजा का प्रावधान करवाना जिसमें गैर सरकारी विद्यालय को बंद करवाने और सारी सम्पति को मृतक के अभिभावक के नाम करने का प्रावधान व अपराधी अध्यापक को तुरंत बर्खास्त करके आजीवन कैद या मृत्यु दंड देने का प्रावधान और सरकारी पाठशाला के अध्यापक को तुरंत बर्खास्त करके आजीवन कैद या मृत्यु दंड देने का प्रावधान व उसकी चल-अचल सम्पति को मृतक के अभिभावक के नाम करने का प्रावधान करवाना है।
- सभी सरकारी नौकरीयों व् शिक्षण संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति व् अन्य पिछड़े वर्ग के बच्चों को जनसँख्या के अनुपात में आरक्षण का प्रावधान करवाना। जैसे क़ि हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति की जनसँख्या 25.29% के बावजूद मात्र 15% का आरक्षण बहुत ही कम है जिसे 25.29 % किया जाना अनिवार्य है और यह आरक्षण सभी राज्यों में उनकी जनसँख्या के आधार पर प्रति दस साल बाद जनगणना के आधार पर लागु किया जाये।
- संघ लोक सेवा आयोग में अनुसूचित जाति, अन्सूचित जनजाति व् अन्य पिछड़ा वर्ग के होनहार मेरिट में आये बच्चों के साथ व्यक्तिगत इंटरव्यू में पक्षपात करके कम अंक देने जैसी कुप्रथा को दूर करने के लिए 275 की जगह 100 अंकों का प्रावधान करवाना आदि शामिल है।
- आंध प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक एवं राजस्थान राज्यों में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकासनिधि (योजना, आबंटन और वित्तीय संसाधनों का उपयोग) अधिनियम के आधार पर हिमाचल प्रदेश सरकार से बार बार अनुरोध करने के बावजूद भी अधिनियम को न बनाना और अन्य राज्यों में भी इस प्रकार का अधिनियम न बनाये जाने पर यह आग्रह किया गया कि यदि अनुसूचित जाति एवं अनुसुचितजाति (अत्याचार निवारण) अधिनयम की भांति अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास निधि(योजना, आबंटन और वित्तीय संसाधनों का उपयोग ) अधिनियम संसद द्वारा बनाया जाये और इसे समान रूप से सभी राज्यों में लागू किया जाये और यह भी प्रावधान किया जाये कि यदि आबंटित धन का दुरूपयोग हो तो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जाति (अत्याचार निवारण) अधिनयम की धाराएं लागु करने का प्रावधान किया जाये।
डॉ कृलस्ते ने सभी बिंदुओं पर गौर किया व आाश्वासन दिया कि मोर्चा द्वारा उठाये गए मुद्दे काबिले गौर हैं व इन सभी मुद्दों को हिमाचल दौरे पर बनाई जाने वाली रिपोर्ट में सम्मिलित किया जायेगा और संसद के ध्यान में लाया जायेगा। प्रदेशाध्यक हीरामणि भारद्वाज व् प्रदेश महासचिव तारा चन्द रनोट ने हर बिंद् पर डॉ कुलस्ते साहब को सन्तुष्ट करवाया।
डॉ कुलस्ते ने बहुत ही अच्छे व् सौहा्दपूर्ण भाव से सभी मांगों को अक्षरशः पढ़ा व् इन मांगोको उनके ध्यान में लाने के लिए बहुत ही प्रशंशा की जिसके लिए मोर्चा ने उनका बहुत-बहुत आभार किया। शिष्टमंडल में मोर्चा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सेन राम नेगी , उपाध्यक्ष मधु सिंह , उपाध्यक्ष मस्त राम मोक्टा , समन्वयक राजेश कश्यप , लोक राज व प्रधान महासचिव तारा चंद रनोट उपस्थित रहे।