एसजेवीएन ने छत्तीसगढ़ सरकार तथा सीएसपीजीसीएल के साथ 1800 मेगावाट कोटपाली पंप स्टोरेज परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया।

एसजेवीएन ने छत्तीसगढ़ सरकार तथा सीएसपीजीसीएल के साथ 1800 मेगावाट कोटपाली पंप स्टोरेज परियोजना के लिए एमओयू हस्ताक्षरित किया।

शिमला, 10 मार्च 2025 एसजेवीएन ने छत्तीसगढ़ में 1800 मेगावाट कोटपाली पंप स्टोरेज परियोजना (पीएसपी) के विकासार्थ छत्तीसगढ़ सरकार तथा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड (सीएसपीजीसीएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

छत्तीसगढ़ के माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की गरिमामयी उपस्थिति में यह एमओयू समारोह आयोजित किया गया। श्री सुशील कुमार शर्मा, निदेशक (परियोजनाएं) एसजेवीएन, श्री सुबोध कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव तथा श्री संजीव कुमार कटियार, प्रबंध निदेशक सीएसपीजीसीएल ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर एसजेवीएन तथा छत्तीसगढ़ सरकार के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में अवस्थित कोटपाली पीएसपी एक ऑफ-स्ट्रीम क्लोज्ड-लूप प्रकार की पंप स्‍टोरेज परियोजना है। 1800 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साथ, इस परियोजना से प्रतिवर्ष लगभग 3967 मिलियन यूनिट विद्युत का उत्‍पादन होने की संभावना है। परियोजना के प्रचाल‍न के पश्चात, यह सततशील एवं परिवर्तनीय विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करते हुए भारत के ऊर्जा संक्रमण लक्ष्यों की पूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

इस परियोजना में 9500 करोड़ रुपए का निवेश शामिल है तथा निर्माण एवं विकास के विभिन्‍न चरणों के दौरान लगभग 5000 व्‍यक्तियों के लिए प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न होने का अनुमान है। छत्तीसगढ़ के नवीकरणीय ऊर्जा बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ करने के अतिरिक्‍त, यह आर्थिक विकास में वृद्धि, निवेश को आकर्षित तथा क्षेत्र में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर उत्‍पन्‍न करेगा।

पंप स्‍टोरेज परियोजनाएं ग्रिड में नवीकरणीय ऊर्जा एकीकरण को संतुलित करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। सौर एवं पवन विद्युत की बढ़ती हिस्सेदारी के साथ, पंप स्टोरेज परियोजनाएं ऑफ-पीक घंटों के दौरान सरपल्स पावर को संग्रहित करके और पीक डिमांड के दौरान इसे डिस्चार्ज कर ग्रिड स्थिरता बनाए रखने में सहायता करते हैं।

यह एमओयू एसजेवीएन की अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार करने तथा नेट-जीरो उत्सर्जन और विद्युत स्थिरता प्राप्त करने के भारत के मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

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